Sunday 14 January 2024

जीवन का haiku



आंखो में अग्नि
या हो अश्रु की धारा
यही ज़िंदगी

खुशी या गम
अनुभव असीम
छोटी ज़िंदगी


सुख ये जाता
दुख ना ठहरता
कोरी ज़िंदगी ।।









इतनी सी बात


इतनी सी बात


कोई दर्द गिन रहा 
कोई ज़ख्म लिख रहा 
कौन इन्हे समझाए
हंसी खुशी है अनमोल
बस इसी को तुम सहेजो 

कोई धन छिपा रहा
कोई दौलत दिखा रहा
कौन इन्हे समझाए
प्यार है सिर्फ कीमती
बस इसीको तुम पा लो

कोई अहंकार से इतरा रहा
कोई तवज्जो की लड़ाई में उलझा रहा
कौन इन्हे समझाए
विनम्रता ही जीवन है
सीख सको तो सीख लो

कोई सफलता के नशे में गुम 
तो कोई निष्फलता से हारा
कौन इन्हे समझाए
बन जाओगे तुम हर सांस के आभारी जो, 
जीत जाओगे यूं ही जग को

कटु विचार से भ्रमित होते 
और कटु बोली से होते वो जो हावी
कौन इन्हें समझाए
सम्मान तो आदर से ही मिलता
जान लो पहले देना इसको ।

कोई समृद्धि के शीर्ष पे बैठा
कोई निवृति को कदम गिनता
कौन इन्हे समझाए
"हरि बोल" में दोनो स्थित हैं
अर्जित यह ज्ञान अब कर लो।।

-Shalu Makhija


मौन



मौन 

मैं अविरत तुझे बाहर ढूंढ रही थी,
तुम भीतर में, मेरे यूं मुस्कुरा रहे थे ।

मैं क्षितिज को नाप ने चली थी,
तुम हवा बनके यूं ही सहज छू रहे थे ।


मैं परछाई को सच मान, भटक सी गई थी,
तुम खुशबू बनके सांसों में चल रहे थे ।

अब तो  उस सफ़र पे चल पड़ी हूं
जहां मौन की महिमा है

शब्द यहां आकर वजूद खो देते हैं
प्रेम भक्ति बन जाता है
घाव सरगम से लगते हैं
करुणा रोम रोम बसती है।

सफ़र की ना जाने कोई 
मंजिल भी है, 
बस मौन से मेरा परिचय करा दे, 
अब तो मुझे शंभो, तू तुझ में मिला दे ।।

- Shalu Makhija

Circular Life


Circular Life


गोल गोल चक्कर में घूमते,
ना हम कभी कहीं पहोंचते
कल आज और कल के वादे 
पल पल रूप बदल के आते 

भ्रमित दुनिया हर पल नया
खेल रचाए,
हम भी बदल बदल के अपना किरदार निभाए 

इतिहास भी साथ चलता जाए
जैसे धरा धूरी पे घूमती जाए
हम भविष्य बनाने चलते
जैसे कोई गुप्त ख़ज़ाना खोजते 

ना जाने कब हम समझेंगे
वर्तमान ही केवल सच है
बीता कल या आने वाला कल कहां है
जीने को तो बस ये इक पल मिला है
इस पल में कहां कोई रंज है
इस पल मैं तो सिर्फ शिवा, बस तू है ।।🙏🙏

Shalu Makhija
Sept 27, 2023